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मुख्य पृष्ठ राष्ट्रीय दिव्यांगजन वित्त और विकास निगम

वेबसाइट के लिए एनएचएफडीसी के बारे में अद्यतन जानकारी:-

नैशनल हैंडीकैप्‍ड फाइनेंस एंड डवलेपमेंट कारपोरेशन (एनएचएफडीसी) भारत सरकार की पूर्ण स्वामित्व वाली कंपनी है। एनएचएफडीसी राज्य सरकार द्वारा नामित राज्य चैनलाइजिंग एजेंसियों/चयनित सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों(पीएसबी)/क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों(आरआरबी) के माध्‍यम से ऐसी गतिविधि, जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से दिव्‍यांगजनों की आय सृजन में योगदान करती हो या उनके सशक्तिकरण की समग्र प्रक्रिया में मदद करती हो, के लिए वित्‍तीय सहायता प्रदान करने वाली एक शीर्ष संस्था के रूप में कार्य करती है।

एनएचएफडीसी द्वारा कार्यान्वित की जा रही प्रमुख योजनाएं संक्षेप में नीचे दी गई हैं:

         i.दिव्यांगजन स्वावलंबन योजना:-

एनएचएफडीसी दिव्यांगजनों    के आय सृजन में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से योगदान देने वाली किसी भी गतिविधि को शुरू करने या पश्चिम बंगाल सहित देश भर में कार्यान्वयन एजेंसियों के माध्यम से उनके सशक्तिकरण की समग्र प्रक्रिया में दिव्यांगजनों की मदद करने के लिए दिव्‍यांगजनों  को ऋण के रूप में वित्तीय सहायता प्रदान करता है । एनएचएफडीसी स्वरोजगार गतिविधि के लिए दिव्यांगजनों को 5-9 प्रतिशत की ब्याज दर पर अधिकतम 50.0 लाख रूपए तक ऋण प्रदान करता है (50,000 रुपये तक के स्वरोजगार ऋणों में ओएच के अलावा दिव्‍यांग  महिलाओं/दिव्यांगजनों  को ब्याज में 1 प्रतिशत की छूट दी जाएगी) ।

40 प्रतिशत या इससे अधिक दिव्‍यांगता वाला और 18 वर्ष से अधिक आयु वाला कोई भी भारतीय नागरिक स्वरोजगार के लिए एनएचएफडीसी योजना के तहत ऋण के लिए आवेदन कर सकता है। (मानसिक मंदता वाले व्यक्तियों के मामले में, सामान्य आयु में छूट दी है और इसे   18 वर्ष के स्थान पर  14 वर्ष  कर दिया गया है)। शैक्षणिक ऋणों के लिए आयु मानदंड की आवश्यकता नहीं होगी ।

  1. विशिष्ट माइक्रोफाइनेंस योजना (वीए एम  वाई):

इस योजना के तहत एनएचएफडीसी छोटे/सूक्ष्म व्‍यवसाय और विकास गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए एनबीएफसी-एमएफआई, सेक्‍शन-8-एमएफआई और गैर सरकारी संगठन-एमएफआई, एसएचजी फेडरेशन, राज्य सरकार  के मिशनों और अन्य राज्य स्तरीय संगठनों के माध्यम से लक्षित समूह और गतिविधियों के लिए उचिप ब्याज दर पर  त्वरित और आवश्यकता आधारित वित्त प्रदान करता है। परियोजना की इकाई लागत 60,000 रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए । ऋण पुनर्भुगतान अवधि ऋण वितरण की तिथि से 3 वर्ष तक होगी ।

एनएचएफडीसी स्वावलंबन केंद्र (एनएसके): एनएचएफडीसी ने पायलट पैमाने  आधार पर ऋण आवश्यकताओं, कौशल संबंधों, सुनिश्चित व्यावसायिक संपर्क आवश्यकताओं आदि की कन्‍वर्जिंग करके एनएचएफडीसी स्वावलंबन केंद्र (एनएसके) की अवधारणा को शुरू किया है और शुरू में देश के प्रत्येक जिले में एक एनएसके की दर से कवर करते हुए  यह इसे  एक बड़ी योजना में बदलने की आकांक्षा रखता है।  प्रत्येक एनएसके की स्थापना एनएचएफडीसी से 100 प्रतिशत वित्तपोषण की मदद से दिव्यांग उद्यमियों द्वारा लगभग 12 लाख रुपये की पूंजीगत लागत से की जाती है। इन एनएसके का उपयोग स्थानीय रूप से प्रासंगिक और व्यवहार्य व्यवसायों पर  व्यावहारिक कौशलों के साथ  मिनी इनक्यूबेशन केंद्रों के रूप में किया जाएगा ताकि उनके इलाकों में और उसके आसपास स्वरोजगार के अवसरों के लिए दिव्यांगजनों को प्रशिक्षित किया जा सके

एनएचएफडीडी योजनाओं के बारे में अधिक जानकारी के लिए दिव्यांगजन एनएचएफडीसी की वेबसाइट:  www.nhfdc.nic.in पर भी लॉग ऑन कर सकते हैं।

 

अंतिम नवीनीकृत : 2021-08-03 11:21:31