"ब्रेल प्रेस की स्थापना/आधुनिकीकरण/क्षमता वृद्धि के लिए सहायता" की केंद्रीय क्षेत्रक योजना
संविधान के अनुच्छेद 41 में दिए गए प्रावधानों के अनुसरण में वर्ष 2014-15 में भारत के दृष्टि दिव्यांगजनों को ब्रेल सामग्री और साहित्य उपलब्ध कराने के लिए ‘ब्रेल प्रेस की स्थापना/आधुनिकीकरण/क्षमता वृद्धि के लिए सहायता’ की केन्द्रीय क्षेत्रक योजना शुरू की गई थी। वर्ष 2020-21 से यह `दिव्यांगजन अधिनियम के कार्यान्वयन कम लिए योजना (सिपडा)` का एक भाग बन गई है
ब्रेल प्रेस योजना के तहत विभिन्न राज्यों में 27 ब्रेल प्रेस (12 नई ब्रेल प्रेसों की स्थापना,12 ब्रेल प्रेसों के आधुनिकीकरण और 03 पुरानी ब्रेल प्रेसों के क्षमता संवर्धन) के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की गई है। नई ब्रेल प्रेसों की स्थापना और मौजूदा ब्रेल प्रेसों के आधुनिकीकरण/क्षमता वृद्धि के लिए गैर-आवर्ती अनुदान के अलावा ब्रेल प्रेसों को मानकों के अनुसार रूपए 1.50/- प्रति पृष्ठ की दर (बाद में इसे संशोधित करके रू 2/- प्रति पृष्ठ कर दिया गया है) से आवर्ती अनुदान भी प्रदान किया गया है। पिछले सात वर्षों में मौजूदा योजना के संचालन के दौरान 16 ब्रेल प्रेसों को आवर्ती वित्तीय सहायता प्रदान की गई है। इन ब्रेल प्रेसों को देश भर में स्कूल जाने वाले दृष्टिहीन बच्चों के लिए पाठ्य पुस्तकें और अन्य पाठ्यक्रम सामग्री का मुद्रण और उन्हें यह प्रदान करने के लिए आवर्ती अनुदान के लिए सहायता दी जाती है ।
इस योजना का उद्देश्य ऐसे राज्य में नई ब्रेल प्रेस स्थापित करना है जहां मजबूत संगठन पहले से ही मौजूद हैं; संघ राज्य क्षेत्रों में छोटे स्तर की ब्रेल प्रिंटिंग प्रेस स्थापित करने और पारंपरिक और कम गति से प्रिंटिंग की प्रौद्योगिकी का उपयोग करने वाले पुरानी ब्रेल प्रेसों का आधुनिकीकरण करना है ।
2. ब्रेल प्रेस योजना के तहत विभाग को अनुदान राशि जारी करने के लिए सीधे संगठनों/एजेंसियों से प्रस्ताव प्राप्त नहीं होते हैं। ऐसे प्रस्ताव राष्ट्रीय दिव्यांगजन सशक्तिकरण संस्थान (एनआईईपीवीडी), देहरादून के माध्यम से विभाग को भेजे जाते हैं ।
3. पिछले पांच वर्षों के दौरान नोडल एजेंसी अर्थात एनआईईपीवीडी, देहरादून के माध्यम से कार्यान्वयन एजेंसियों को जारी की गई सहायता अनुदान का ब्यौरा निम्नानुसार है ।
वर्ष |
बीई (रुपये) करोड़ में) |
आरई (रु. करोड़ में) |
वास्तविक व्यय (10,000 करोड़ रुपये) करोड़ में) |
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गैर आवर्ती |
आवर्ती |
कुल |
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2016-17 |
रू 9.10 |
रू 9.10 |
8.39 |
0.74 |
9.13 |
2017-18 |
रू 10.00 |
रू 10.00 |
4.29 |
2.32 |
6.61 |
2018-19 |
रू 10.00 |
रू. 10.00 |
4.79 |
2.77 |
7.56 |
2019-20 |
रू 8.00 |
रू. 3.60 |
0.86 |
- |
0.86 |
2020-21 |
Rs. 6.00 |
Rs. 4.00 |
1.07 |
4.08 |
5.15 |
कुल |
19.40 |
9.91 |
29.31 |
इन 27 कार्यान्वयन एजेंसियों को योजना की शुरुआत से ब्रेल प्रेस योजना के तहत वित्त पोषित किया जाता है:
क्र.सं. |
ब्रेल प्रेस का पता |
श्रेणी |
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दिव्यांगजन समेकित क्षेत्रीय केंद्र (सीआरसी), एनआईईपीवीडी, हिमाचल प्रदेश |
नई ब्रेल प्रेस की स्थापना |
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आंध्र प्रदेश विकलांगुला को-ऑपरेशन कारपोरेशन |
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गवर्नमेंट ब्रेल प्रेस, समाज कल्याण विभाग, छत्तीसगढ़सरकार, बिलासपुर
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मुद्रण और स्टेशनरी विभाग, मेघालय सरकार, शिलांग |
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शुभम ब्रेल प्रेस, मुजफ्फरपुर, बिहार |
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श्री नवचेतन अंधजन मंडल, गुजरात |
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ब्लाइंड पर्सनस एसोसिएशन, कोलकाता
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द नेशनल एसोसिएशन फॉर वेलफेयर ऑफ फिजिकली हैंडीकेप्ड (एनएडब्ल्यूपीएच), महाराष्ट्र |
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समाज कल्याण विभाग, आइजोल, मिजोरम |
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सेंट्रल ब्रेल प्रेस,राष्ट्रीय दृष्टि दिव्यांगजन सशक्तिकरण संस्थान, राजपुर, देहरादून |
मौजूदा ब्रेल प्रेसों का आधुनिकीकरण
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राजस्थान नेत्रहीन कल्याण संघ, राजस्थान
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रामकृष्ण मिशन रिजनल ब्रेल प्रेस, कोलकाता, पश्चिम बंगाल |
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मित्र ज्योति, बंगलौर, कर्नाटक |
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गवर्नमेंट ब्रेल प्रेस, समाज कल्याण विभाग, बिलासपुर, छत्तीसगढ़ |
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तेलंगाना विकलांगुला को-ऑपरेटिव कारपोरेशन, तेलंगाना, हैदराबाद |
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सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता,गवर्नमेंट ब्रेल प्रेस, भोपाल, मध्य प्रदेश |
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नेशनल एसोसिएशन फॉर द ब्लाइंड, अहमदाबाद , गुजरात |
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नेशनल एसोसिएशन फॉर द ब्लाइंड, मुंबई, महाराष्ट्र
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केरल फेडरेशन ऑफ द ब्लाइंड, तिरुवनंतपुरम केरल |
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रेडक्रॉस स्कूल फॉर द ब्लाइंड, बहरामपुर, ओडिशा |
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रीजनल ब्रेल प्रेस, एनआईईपीवीडी रीजनल सेंटर, चेन्नई, तमिलनाडु |
ब्रेल प्रेसों की क्षमता में वृद्धि: |
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नेशनल फेडरेशन ऑफ द ब्लाइंड, बहादुरगढ़, हरियाणा |
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ऑल इंडिया कन्फेडरेशन ऑफ द ब्लाइंड, दिल्ली |
अंतिम नवीनीकृत : 2021-10-05 12:28:12